अजय राय इन दिनों उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं और पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं, लेकिन पहली बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. 2009 से लगातार वाराणसी सीट से अजय राय किस्मत आजमा रहे हैं, लेकिन जीत तो दूर की बात है, तीसरे से नंबर दो पर भी नहीं आ सके
Vandebharatlivetvnews chandauli :लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में सबकी निगाहें पीएम मोदी की वाराणसी सीट पर लगी है. पीएम मोदी जीत की हैट्रिक लगाने के लिए चुनावी रणभूमि में उतरे हैं तो वाराणसी सीट पर हार की हैट्रिक लगा चुके कांग्रेस के अजय राय चौथी बार किस्मत आजमा रहे हैं. पीएम मोदी के खिलाफ दो बार और वाराणसी लोकसभा सीट पर तीन बार चुनाव लड़ चुके अजय राय हर बार तीसरे नंबर पर रहे थे, लेकिन इस बार उनके ‘नंबर अच्छे’ आ सकते हैं. इसकी वजह है कि सपा-कांग्रेस का गठबंधन और इंडिया गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार हैं. ऐसे में इस बार अजय राय का सीधा मुकाबला पीएम मोदी से हैअजय राय ने अपना सियासी सफर बीजेपी से शुरू किया था. एबीवीपी से लेकर संघ तक से जुड़े रहे और 90 के दशक में राम मंदिर आंदोलन का हिस्सा रहे. बीजेपी में रहते हुए अजय राय तीन बार विधायक रहे. इसके बाद 2009 में बीजेपी छोड़कर सपा का दामन थाम लिया और 2012 में कांग्रेस में शामिल हो गए. सपा से लेकर कांग्रेस में रहते हुए वाराणसी लोकसभा सीट से किस्मत आजमा रहे हैं. अजय राय इन दिनों उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं और पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं, लेकिन पहली बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. 2009 से लगातार वाराणसी सीट से अजय राय किस्मत आजमा रहे हैं, लेकिन जीत तो दूर की बात है, तीसरे से नंबर दो पर भी नहीं आ सके.अजय राय इन दिनों उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं और पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं, लेकिन पहली बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. 2009 से लगातार वाराणसी सीट से अजय राय किस्मत आजमा रहे हैं, लेकिन जीत तो दूर की बात है, तीसरे से नंबर दो पर भी नहीं आ सके